अब खुद को खामोश कर लिया अंधेरो में चिल्लाने से तु मेरा तो हो नहीं पाएगा। मंजिल अब कुछ नहीं मुझसे अब कोई सफर पूरा हो नही पाएगा। ©PARVEJ KI SHAYARI