#rain#चेहरे की हसी #दिखावट सी हो रही है। असल #ज़िन्दगी भी बनावत सी हो रही है।
अनबन बढ़ती जा रही #रिश्तों में भी अब #अपनों से भी बग़ावत सी हो रही है
पहले ऐसा था नहीं जैसा हूँ आजकल #मेरी#कहानी कोई कहावत सी हो रही है।
दूरी बढ़ती जा रही #मंज़िल से मेरी चलते चलते भी थकावट सी हो रही है #कविता#ख़ामोशी