Nojoto: Largest Storytelling Platform

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर परिवारवाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर परिवारवाद की राजनीति पर प्रहार करते हुए साफ-साफ कहा हालांकि विधानसभा चुनाव में पार्टी ने जिन सांसदों के बेटों को टिकट नहीं दिए वह उनके ही कहने पर नहीं दिए गए सर स्पष्ट है कि उन्होंने भाजपा के नेताओं को सख्त आदेश दिया था जो अपने अपने बेटे बेटियों को राजनीति बनाना चाह रहे हैं उनके लिए सदन से यह भी तय हो गया कि परिवारवाद की राजनीति की कोशिश कर रहे राजनीतिक दलों को आगे भी करते रहेंगे यदि ऐसे दलों को सर्तक हो जाने चाहिए लेकिन इसके आसार कम हैं क्योंकि परिवादी की राजनीति करते थे आज उसी के राह पर चल रहे हैं यह देखने को तैयार नहीं है कि परिवारवाद की राजनीति ने कांग्रेस को किस तरह बदल की ओर धकेल दिया है पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में पराजित होने के बाद भी गांधी परिवार का सहारा लेकर कांग्रेस को अपने कब्जे में बनाए रखना चाहते हैं तो पार्टी के साथ जाती है इसको भी अपनी निजी जाएगी जागीर समझने में अपनी संपत्ति मानसिकता के कारण ही इस मानसिकता का परिणाम है कि चुनाव वाले राज्यों के कांग्रेसी अध्यक्ष ने तो इस्तीफा देने को कहा है लेकिन गांधी परिवार अपनी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है और वह भी तभी तक सारे फैसले उसकी ओर से नहीं ले गए हैं यह विडंबना है कि पांच राज्य शर्मनाक हार के कारण समय की मांग करने वाले की इंग्लिश नेता यह कहने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं कि इस हार के लिए गांधी परिवार की जिम्मेदारी है और वही जवाबदेही बच नहीं सकते यह है कि संगठन के तरीकों से सहमत

©Ek villain #परिवारवाद की राजनीति अच्छी नहीं

#KashmiriFiles
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर परिवारवाद की राजनीति पर प्रहार करते हुए साफ-साफ कहा हालांकि विधानसभा चुनाव में पार्टी ने जिन सांसदों के बेटों को टिकट नहीं दिए वह उनके ही कहने पर नहीं दिए गए सर स्पष्ट है कि उन्होंने भाजपा के नेताओं को सख्त आदेश दिया था जो अपने अपने बेटे बेटियों को राजनीति बनाना चाह रहे हैं उनके लिए सदन से यह भी तय हो गया कि परिवारवाद की राजनीति की कोशिश कर रहे राजनीतिक दलों को आगे भी करते रहेंगे यदि ऐसे दलों को सर्तक हो जाने चाहिए लेकिन इसके आसार कम हैं क्योंकि परिवादी की राजनीति करते थे आज उसी के राह पर चल रहे हैं यह देखने को तैयार नहीं है कि परिवारवाद की राजनीति ने कांग्रेस को किस तरह बदल की ओर धकेल दिया है पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में पराजित होने के बाद भी गांधी परिवार का सहारा लेकर कांग्रेस को अपने कब्जे में बनाए रखना चाहते हैं तो पार्टी के साथ जाती है इसको भी अपनी निजी जाएगी जागीर समझने में अपनी संपत्ति मानसिकता के कारण ही इस मानसिकता का परिणाम है कि चुनाव वाले राज्यों के कांग्रेसी अध्यक्ष ने तो इस्तीफा देने को कहा है लेकिन गांधी परिवार अपनी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है और वह भी तभी तक सारे फैसले उसकी ओर से नहीं ले गए हैं यह विडंबना है कि पांच राज्य शर्मनाक हार के कारण समय की मांग करने वाले की इंग्लिश नेता यह कहने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं कि इस हार के लिए गांधी परिवार की जिम्मेदारी है और वही जवाबदेही बच नहीं सकते यह है कि संगठन के तरीकों से सहमत

©Ek villain #परिवारवाद की राजनीति अच्छी नहीं

#KashmiriFiles
sonu8817590154202

Ek villain

New Creator