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मुझ को नन्ही सी परी कह के बुलाओ बाबा फिर से परियों

मुझ को नन्ही सी परी कह के बुलाओ बाबा
फिर से परियों की कहानी तो सुनाओ बाबा

मैं थी महफूज पनाहों में हमेशा तेरी
अपनी बेटी को दरिन्दों से बचाओ बाबा

मुझको बच्पन की तरह आप दिखाओ मेला
अपनी बाहों में मुझे फिर से झुलाओ बाबा

अब ये मालूम नहीं कैसी हो सुसराल मिरी
ख्वाब शहजादे का मुझको न दिखाओ बाबा

दिल मेॆ रह लूँगी निकालो न मुझे यूँ घर से
मेरा रिश्ता न कहीं और लगाओ बाबा

बाद शादी के नहीं नीन्द सुहानी आई
गोद में अपनी मुझे फिर से सुलाओ बाबा

साद रहमत का वसीला हैं जहाँ मेँ बेटी
कोख से मिटने से अब मुझ को बचाओ बाबा

अरशद साद रूदौलवी

©साद रूदौलवी 
سعدؔ ردولوی Mahira Khan 

#Childhood
मुझ को नन्ही सी परी कह के बुलाओ बाबा
फिर से परियों की कहानी तो सुनाओ बाबा

मैं थी महफूज पनाहों में हमेशा तेरी
अपनी बेटी को दरिन्दों से बचाओ बाबा

मुझको बच्पन की तरह आप दिखाओ मेला
अपनी बाहों में मुझे फिर से झुलाओ बाबा

अब ये मालूम नहीं कैसी हो सुसराल मिरी
ख्वाब शहजादे का मुझको न दिखाओ बाबा

दिल मेॆ रह लूँगी निकालो न मुझे यूँ घर से
मेरा रिश्ता न कहीं और लगाओ बाबा

बाद शादी के नहीं नीन्द सुहानी आई
गोद में अपनी मुझे फिर से सुलाओ बाबा

साद रहमत का वसीला हैं जहाँ मेँ बेटी
कोख से मिटने से अब मुझ को बचाओ बाबा

अरशद साद रूदौलवी

©साद रूदौलवी 
سعدؔ ردولوی Mahira Khan 

#Childhood