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हम भटकते रहे हैं, तेरे चेहरे में, कितने चेहरे छि

हम  भटकते  रहे हैं, तेरे चेहरे में,
कितने चेहरे छिपे हैं, तेरे चेहरे में..!!

जबसे देखा है, ज़ेहन से जाता नहीं,
राज़ गहरे बड़े हैं, तेरे चेहरे में..!!

ख्वाबों में भी तू, दिखायी देता है,
मेरे ख्वाब ठहरे हैं, तेरे चेहरे में..!!

ये तबस्सुम तो तेरा, नकाब है कोई,
मुझे तो ग़म दिखते हैं, तेरे चेहरे में..!!

आईने से नजरें, मिलाकर तो देख,
मेरे भी तो चेहरे हैं, तेरे चेहरे में..!! मुझे तो #ग़म दिखते हैं तेरे #चेहरे  में,,,
कितने चेहरे #छुपे  हैं, तेरे चेहरे  में,,,

#udquotes 
#udghazals 
#तबस्सुम 
#नकाब
हम  भटकते  रहे हैं, तेरे चेहरे में,
कितने चेहरे छिपे हैं, तेरे चेहरे में..!!

जबसे देखा है, ज़ेहन से जाता नहीं,
राज़ गहरे बड़े हैं, तेरे चेहरे में..!!

ख्वाबों में भी तू, दिखायी देता है,
मेरे ख्वाब ठहरे हैं, तेरे चेहरे में..!!

ये तबस्सुम तो तेरा, नकाब है कोई,
मुझे तो ग़म दिखते हैं, तेरे चेहरे में..!!

आईने से नजरें, मिलाकर तो देख,
मेरे भी तो चेहरे हैं, तेरे चेहरे में..!! मुझे तो #ग़म दिखते हैं तेरे #चेहरे  में,,,
कितने चेहरे #छुपे  हैं, तेरे चेहरे  में,,,

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uttamdixit7701

Uttam Dixit

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