दिल पर पड़े है कई निशान मांझी क़े,, अब सब के साथ हँसू तो कैसे हँसू।। यहाँ मारने वाले पूछें है कैसे मर गया,, अब इन जालिमों को दँसू तो कैसे दँसू।।1 सब कुछ जल गया है, दिल का यहाँ,, रब तू हि बता यहाँ, बँसू तो कैसे बँसू।।2 बेरंग सावन आया है, तमाम दुख लेकर,, इस बरसात से बंचू तो कैसे बँचू।।3 रात दिन की यही कोशिशे 'दीवाना, मोम से पत्थर बँनू तो कैसे बँनू।।4 ©deewana ajeet #night #Night