न दुनियाँ की फिक्र थी,न कोई ख्याल था, न बेबसी का जिक्र था,न कोई सवाल था। बस जलते एहसास थे, मदहोश हाल था, मचलती धड़कनों का,अपना कमाल था। दिसंबर की एक रात,कुछ ऐसी गुजरी थी, मिला प्यार इतना,इश्क में मालामाल था। मदहोशी का हाल। #December #Day18 #nojoto #प्यार #रात #दिसंबर