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कभी ख़ामोश हो जाने को जी करता है, ढलती शाम हो जाने

कभी ख़ामोश हो जाने को जी करता है,
ढलती शाम हो जाने को जी करता है,
तरस आता है कभी खुद के वजूद पे,
मंज़िल की राह बदलने को जी करता है।।

अंधेरे में कैद हो जाने को जी करता है,
पतंग की डोर सा कट जाने को जी करता है,
उजालों से एक दुश्मनी सी हो गई है अब तो,
अपने अक्स से भी रूठ जाने को जी करता है।।

©Nikhil ख़ामोश होने को जी करता है 💔
#alone #Miserable #darkness #Life #december #Shayar #Poetry #Nojoto  #alone #Deviated
कभी ख़ामोश हो जाने को जी करता है,
ढलती शाम हो जाने को जी करता है,
तरस आता है कभी खुद के वजूद पे,
मंज़िल की राह बदलने को जी करता है।।

अंधेरे में कैद हो जाने को जी करता है,
पतंग की डोर सा कट जाने को जी करता है,
उजालों से एक दुश्मनी सी हो गई है अब तो,
अपने अक्स से भी रूठ जाने को जी करता है।।

©Nikhil ख़ामोश होने को जी करता है 💔
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Nikhil

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