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ग़ज़ल हँसता हुआ वो चेहरा चुपके से देखता हूँ आँखो

ग़ज़ल 

हँसता हुआ वो चेहरा 
चुपके से देखता हूँ 
आँखों में उसकी अपनी 
परछाई ढूंढता हूँ 
हँसता हुआ वो चेहरा...

उसकी हंसी निराली 
करती हैं वार दिल पे 
और अब तो वार ये मैं 
हर लम्हा झेलता हूँ 
हँसता हुआ वो चेहरा...

खजानो से भी हैं कीमती 
दीदार-ए-हंसी उसकी 
और ये खजाना जो मैं 
रोज़ाना लूटता हूँ 
हँसता हुआ वो चेहरा...

मुड़ती हैं उसकी नज़रे 
जब मेरी ओर तो फिर 
जल्दी से छट-पटाकर 
नज़रों को फेरता हूँ
हँसता हुआ वो चेहरा... 
   
            ~ पवन कुमार #myfirstgazal
ग़ज़ल 

हँसता हुआ वो चेहरा 
चुपके से देखता हूँ 
आँखों में उसकी अपनी 
परछाई ढूंढता हूँ 
हँसता हुआ वो चेहरा...

उसकी हंसी निराली 
करती हैं वार दिल पे 
और अब तो वार ये मैं 
हर लम्हा झेलता हूँ 
हँसता हुआ वो चेहरा...

खजानो से भी हैं कीमती 
दीदार-ए-हंसी उसकी 
और ये खजाना जो मैं 
रोज़ाना लूटता हूँ 
हँसता हुआ वो चेहरा...

मुड़ती हैं उसकी नज़रे 
जब मेरी ओर तो फिर 
जल्दी से छट-पटाकर 
नज़रों को फेरता हूँ
हँसता हुआ वो चेहरा... 
   
            ~ पवन कुमार #myfirstgazal
pawankumar4778

Pawan Kumar

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