सुनो...! कभी सोचा नहीं था न उस पहली मुलाकात के बाद, हमारा दुबारा मिलना कभी हो पाएगा भी या नहीं, पर ये हर बार की मुलाकात कुछ कह ही जाती है, जाने अनजाने हमारे दिलों को करीब ले ही आती है, माना हम ज़ुबाँ से नहीं कहते एकदूजे को लफ्ज़ कोई, मग़र, मिलती है जब आँखों से आँखे, तो बयां हाल-ए-दिल कर ही जाती है, हर बार की मुलाकात के बाद एक बार फिर, अगली मुलाकात की उम्मीद दे ही जाती है... OPEN FOR COLLAB✨ #ATइंतज़ाररहेगा • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ Collab with your soulful words.✨ • Must use hashtag: #aestheticthoughts • Please maintain the aesthetics.