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अच्छा मान लो अच्छा मान लो हम तुम्हारे हो गए

अच्छा मान लो


अच्छा मान लो हम तुम्हारे हो गए                 अच्छा मान लो
तो क्या तुम...... मेरे हो पाओगे                   कभी मेरा विश्वास मेरा हौसला
ज़िंदगी के हर उतार चड़ाव में                      ज़िंदगी के सफर में डगमगा जाए
क्या तुम मेरा साथ दे पाओगे                      तो क्या तुम मेरा आत्मविश्वास
ज़िंदगी के हर मुश्किल सफर में                    बनकर मुझे सवार पाओगे
क्या तुम मेरा हाथ थाम पाओगे                   क्या मेरा हौसला बढ़ा पाओगे   

अच्छा मान लो                                       अच्छा मान लो
कभी में अगर थककर बैठ जाऊं                   मैं अगर इस दुनियां में न रहूं
तो क्या तुम मेरा हाथ थाम                         तो क्या तुम मेरे बीन जी पाओगे
मुझे नयी राह दिखलाओगे                          किसी और के हो पाओगे
कभी आंसू अगर छलक जाए                      मुझे यादों को मिटा पाओगे
तो क्या तुम उन्हें पोंछकर                           मेरी बातों को भुला पाओगे
मेरे चेहरे पर मुस्कान ला पाओगे                   क्या तुम मेरे इन सब सवालों के
                                                          जवाब दे पाओगे।                                        

                                                                                 - राकेश शिंदे
                                                            rakeshkavita.blogspot.in अच्छा मान लो
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अच्छा मान लो


अच्छा मान लो हम तुम्हारे हो गए                 अच्छा मान लो
तो क्या तुम...... मेरे हो पाओगे                   कभी मेरा विश्वास मेरा हौसला
ज़िंदगी के हर उतार चड़ाव में                      ज़िंदगी के सफर में डगमगा जाए
क्या तुम मेरा साथ दे पाओगे                      तो क्या तुम मेरा आत्मविश्वास
ज़िंदगी के हर मुश्किल सफर में                    बनकर मुझे सवार पाओगे
क्या तुम मेरा हाथ थाम पाओगे                   क्या मेरा हौसला बढ़ा पाओगे   

अच्छा मान लो                                       अच्छा मान लो
कभी में अगर थककर बैठ जाऊं                   मैं अगर इस दुनियां में न रहूं
तो क्या तुम मेरा हाथ थाम                         तो क्या तुम मेरे बीन जी पाओगे
मुझे नयी राह दिखलाओगे                          किसी और के हो पाओगे
कभी आंसू अगर छलक जाए                      मुझे यादों को मिटा पाओगे
तो क्या तुम उन्हें पोंछकर                           मेरी बातों को भुला पाओगे
मेरे चेहरे पर मुस्कान ला पाओगे                   क्या तुम मेरे इन सब सवालों के
                                                          जवाब दे पाओगे।                                        

                                                                                 - राकेश शिंदे
                                                            rakeshkavita.blogspot.in अच्छा मान लो
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Rashi

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