रंग छुआ तक नहीं मैंने इस दफ़ा होली में, गाल सूना ही रह गया इस दफ़ा होली में, तेरा रंग वैसे तो चढ़ा है मुझ पर बेशुमार, फिर भी बेरंग रह गया इस दफ़ा होली में।। ©Mohan Ambar रंग अफ्शानी से इस क़दर फासले बना लिए मेरे हिस्से के जो रंग थे दफ़्तर ने चुरा लिए।। #Holi #rang #poem #Poetry #Feeling #Love #holi2021 Jyoti gupta