लड़के तो सरकारी नौकरी की तैयारी भी ये सोच कर करते हैं कि उन्हें रुपवान स्त्री मिल जाये, अच्छा खासा दहेज मिल जाये,लड़किया उन पर फिदा हो जाये लाइन में लगी होंगी। वो ये कदापि नहीं सोचते कि अच्छा जीवन जिये। वो बस स्त्री तक सीमित हैं हर चीज में। और हम लड़कियां नौकरी खुद के पैरों पर खड़ा होने के लिए लगती है। हम लड़को के लिए नहीं लगती नौकरी। पुरूष स्त्री तक और स्वयं की जरूरत तक सीमित हैं। माफ कीजियेगा पर यही आज के समाज का कटु सत्य हैं। "संगम" #sunrays #सरकारी नौकरी और पुरूष की सोच।