अगर अकेले में मिल जाये मुझको वो तो पूरे रिश्ते का ही सबब जान लू ,,,, मगर मिलना ही कहा ,, मुनासिब ये जिंदगी है ,, हार कर भी जी रहा हु इस कदर की शायद वो हमसे रूठ ना जाए ,,, बस में उसको पहचान लू... बस यही कोशिश कर रहा हु,, कोशिश कर रहा हु,,