Nojoto: Largest Storytelling Platform

लड़खड़ाते नन्हे क़दमों को तेरी बाहों का मिलता था स

लड़खड़ाते नन्हे क़दमों को तेरी बाहों का मिलता था सहारा,
तेरी दो उंगलियों की पकड़ से देखा था जहां सारा!

विदाई में सब रोए अपने अपने हिसाब से, 
आपके अश्कों ने जताया, टूटा जैसे आंगन का तारा!!

#naresh.k #father daughter
#Shayari
लड़खड़ाते नन्हे क़दमों को तेरी बाहों का मिलता था सहारा,
तेरी दो उंगलियों की पकड़ से देखा था जहां सारा!

विदाई में सब रोए अपने अपने हिसाब से, 
आपके अश्कों ने जताया, टूटा जैसे आंगन का तारा!!

#naresh.k #father daughter
#Shayari