Nojoto: Largest Storytelling Platform

प्रेम करने के पश्चात् उसके वास्तविक स्वरूप को पर

प्रेम करने के 
पश्चात् उसके वास्तविक 
स्वरूप को परिवर्तित
करने का प्रयास करना; 
बिल्कुल ऐसा है
जैसे चंद्रमा के धब्बे
धुलेंने में उसकी
"आभा" धूमिल कर देना।।

कृत्रिम चकाचौंध 
प्रकृति का अस्तित्व
 ही मिटा देता है।

इसलिए डर है....
कहीं मुझे बदलने के 
तुम्हारे इस कृत्य में,
 "मिट" ना जाएं, 
ईश्वर की सबसे सुंदर
दो कृतियां ____एक
मेरी "आत्मा" और 
दूसरा तुम्हारा "प्रेम"
_____© Anjali Rai प्रेम करने के 
पश्चात् उसके वास्तविक 
स्वरूप को परिवर्तित
करने का प्रयास करना; 
बिल्कुल ऐसा है
जैसे चंद्रमा के धब्बे
धुलेंने में 
उसकी आभा ही धूमिल
प्रेम करने के 
पश्चात् उसके वास्तविक 
स्वरूप को परिवर्तित
करने का प्रयास करना; 
बिल्कुल ऐसा है
जैसे चंद्रमा के धब्बे
धुलेंने में उसकी
"आभा" धूमिल कर देना।।

कृत्रिम चकाचौंध 
प्रकृति का अस्तित्व
 ही मिटा देता है।

इसलिए डर है....
कहीं मुझे बदलने के 
तुम्हारे इस कृत्य में,
 "मिट" ना जाएं, 
ईश्वर की सबसे सुंदर
दो कृतियां ____एक
मेरी "आत्मा" और 
दूसरा तुम्हारा "प्रेम"
_____© Anjali Rai प्रेम करने के 
पश्चात् उसके वास्तविक 
स्वरूप को परिवर्तित
करने का प्रयास करना; 
बिल्कुल ऐसा है
जैसे चंद्रमा के धब्बे
धुलेंने में 
उसकी आभा ही धूमिल