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दाग़ लगी थी दग कुछ दर्द के और छूट रहे थे जुबान से द

दाग़ लगी थी दग कुछ दर्द के और छूट रहे थे जुबान से दर्द की गोली।

मुशायरे में हम भी शरीक थे अपनी दर्द लिए।

जब बरी अाई मेरी मैंने बस इतना सा कहा 

तालियां बजा दो आज फिर मुशायरे में।

की एक आशिक आज फिर टूटा है। #दाग
#nojoto
दाग़ लगी थी दग कुछ दर्द के और छूट रहे थे जुबान से दर्द की गोली।

मुशायरे में हम भी शरीक थे अपनी दर्द लिए।

जब बरी अाई मेरी मैंने बस इतना सा कहा 

तालियां बजा दो आज फिर मुशायरे में।

की एक आशिक आज फिर टूटा है। #दाग
#nojoto