मै दिनभर अपने ईश्वर का नाम लेता/लेती हूं। बहुत बड़ा भक्त बनता/बनती हु महात्मा होने का दिखावा भी करता करती हु। सबसे बड़ा/बड़ी धर्मिक,ज्ञानी,तर्कशास्त्री, इतिहासकार आदि मै ही हूँ। जहां कहीं भी भगवत कथा होती है जाता हूं। प्रवचन सुनता हूं। सुनती हूँ। लेकिन उनमें से एक भी बात का पालन नही करता/करती हूं। चोरी,बेईमानी,मक्कारी,छल,कपट,दम्भ,असत्य ये मेरी आदत है धूर्तता तो मेरे खून में है इसके बाद भी मै सबसे श्रेष्ठ होने का दिखावा करता करती हु। मै इस धरती का इस्त्री,पुरुष हूं मै इस नश्वर धरती का मनुष्य हु ©G I R I S H T I W A R I #मनुष्य #gk001