कुछ करने की टीस ~~~~~~~~~~~~~ बाती अंतर की जली, हुआ उजाला तेज। जीवन अपना शूल है, सजे शूल की सेज।। चुभन होती है जिसे, वही निकाले शूल। टीस बड़ी है शूल की, मन में बसे समूल।। कुछ करने की टीस में, नर करता है काम। काम सुधारे नाम को, होता श्रम के दाम।। #दोहा #कोराकाग़ज़ #कामकीबात #restzone #rzलेखकसमूह #glal #yqdidi #doha