जो कमियां हैं मुझमें....... सुधार लूंगा अब नहीं चाहिए किसी शख्स की हमदर्दी मैं अकेले ही उम्र गुजार लूंगा जो तुम बेवकूफी समझते हो हां वही लिखकर,....जिंदगी सवांर लूगा और हां जब जब दिल भर जाएगा मेरा तब तब एक सैलाब कागज पर उतार दूंगा # kavi lakshYA