बदले बदले से लगते हैं श्रीमान जब से सुना है ट्रांसफर का नाम बेचैनियांँ इस कदर बढ़ गई की आंँखों से कहीं नींद दूर हो गई दिन का चैन और रात की नींद दोनों न जाने क्यों बेवफा हो गई ऐसा भी दिन आएगा जीवन में यह तो कभी सोचा ही ना था चाहत तो आज तक पूरी नहीं हुई उससे पहले कि विरमन की घड़ी आ गई दिल तो चाहता है कि घड़ी की सुईयाँ ही न घूमे मगर मेरे चाहने से क्या होता है वही होता है जो मंजूरे नीतीशे होता है ट्रांसफर # ट्रांसफर एक जुदाई## #अरमानों का अंत # #yqarman #yqdilkichahat# #yqlove #yqmusic #yqbaba #yqdidi#