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फूल से कोमल थी सर से पांव तक , स्वर्ग की अप्सरा भी

फूल से कोमल थी सर से पांव तक ,
स्वर्ग की अप्सरा भी जिसके सामने शरमा जाए।
जोबन को लगे हाथ जो भूले से 
अगर, दहकती आग में शोलों की जैसे जल जाए।
बीच धारा में उतर जाए जो किस्मत 
से कोई, दम निकलने से पहले,बाहर न आना चाहे।
 यह एक ख़्वाब है जन्नत के नजारों
 का, जो कोई देखले आंखों से उसे मौत भी न आए।
कैसा लगेगा देखते-देखते ख्वाब नींद टूट जाए?
किसी किसी की जिंदगी में ऐसे पल भी 
आते हैं, टूट जाती है नींद खटोले नीचे गिर जाते हैं।
समझ लो ऐसा एक ख्वाब कभी आपने 
भी देखा था,एक जंगली गवार आपका चहेता था।
नींद टूटी तो रुला के कोई छोड़ गया,
जालिम था बड़ा बेदर्दी सपने में दिल को तोड़ गया।

©Anuj Ray
  #स्वर्ग की अप्सरा भी जिसके सामने
anujray7003

Anuj Ray

Bronze Star
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#स्वर्ग की अप्सरा भी जिसके सामने #ज़िन्दगी

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