थोड़ी मस्ती थोड़ा सा ईमान बचा पाया हूँ, ये क्या कम है मैं अपनी पहचान बचा पाया हूँ, कुछ उम्मीदें, कुछ सपने, कुछ महकी-महकी यादें, जीने का मैं इतना ही सामान बचा पाया हूँ ©#DeepanshuGautam #deepanshu_gautam #makarandapur #kanpur_dehat #uttar_pradesh #shaayri #poem #Nojoto