पर्यावरण बस करो अब इतना तक जानती हूँ है तुम्हारा पूरा हक नष्ट करने के बाद होगा तुम्हारा बूरा लक सच कह रही हूँ मत करो अब शक। ताज़ी हवा ज़रूरत है तुम्हारी तो कर रहे हो मुझे प्रदूषित इस तरह क्यों? मैं भी खुशी से रहना चाहती हूँ मर मर के नहीं तुम्हारी तरह यूं। तुझमें कुछ ज़रूर है खास वरना प्रदूषित करने के बाद सोच समझ के लेते साँस खोने के बाद आओगे मेरे ही पास लेकिन दूर चले जाऊँगी मत रखना कोई आस। समय है करलो ये एहसास, बचे हैं कुछ दिन आखिर कब तक गलतियाँ रहोगे अपने गिन ज़रा सोचो सम्भव भी तो नहीं है तुम्हारा जीवन मेरे बिन। #SeeADreamToMakeNatureGreen🌎🌎