हमने इक दिन जाम उठाया पीने को.. कैसे-कैसे दिल बहलाया जीने को..! खुशियां तो बस आंख मिचौली करतीं थीं.. हमने दिल पर दर्द उगाया जीने को.. कुछ पाने की चाहत में सबकुछ खोकर.. हमने ख़ुद का दाम लगाया जीने जीने को.. एक कफ़न है, बिस्तर है सब रिश्ते हैं.. मरने पर सामान है आया जीने को! जाने कितनी हसरत, ख़्वाब थे इक दिल में! सोचो कितना बोझ उठाया जीने को.. #yqaliem #yqbhaijan #jaam #dard #rishte #khwab #hasratein #jeena