" सितम" सितम है जमाने का, जिसे देखु अपना बताता है अगर मैं जो परख लू , तो मुखर जाता है ना बदलूंगा मैं खुद को किसी की खातीर एक शख्स ,में जैसा हु वैसा ठिक बताता हैं कल गुम रहा था आंगन मे सुकून की खातीर एक भवरा,फूल को अपना अजीज बताता है तेरे ना होने का एक दर्द ये भी है जिसे देखु,वो मुझे तन्हा बताता है अमावस हैरान रही, रोशनी की खातीर उम्मीद का एक किस्सा जुगनु बताता है " कमल" कमल कमाल #nojotovoice #nojotovideo #shayari #dil #pyar #poem #poetry #kalakash #poetry #