आ जाती है याद तुम्हारी आंखे ये भर आती है .... तस्वीरे तेरी ये मुझको गलती याद दिलाती है .....!! सारी कसमे सारे वादे झूठे होते दिखते है .... देर रात की ये तन्हाई दिए बुझा के जाती है .....!!!! आखिर कबतक दिल ये मेरा ठहरा ठहरा धड़केगा... आखिर कबतक इंतेज़ार में सहरा सहरा भटकेगा....!! तेरी मेरी आज कहानी या तो लिखी जाएगी ..... या फिर इन्तेक़ाम में कूपा गहरा गहरा उभरेगा.....!!!! चिन्दी चिन्दी जोड़ कमाई महल बनाते आये है ..... बेच के अपने सपने तेरी याद सजाते आये है .....!!(2) अब यदि मन भटका जो तेरा ,अपनी खैर मना लेना .... हम भी अपने बाहों में औजार छिपाकर लाये है ...!!!! अर्पित द्विवेदी. #इश्क़_ऐसा_भी #शिकायतें_कुछ_ऐसे_भी