एक अधुरेपन में चल रही है ज़िन्दगी वो चाहती है आना सपनों से हक़ीक़त के बागों में चाहत मेरी भी है मगर ना जाने सबकुछ वैसा नहीं लग रहा जैसा सोचता हु या शायद ख्वाबों की दुनिया अच्छी लगने लगी हो मुझे ना तेरे रूठने का डर , ना तेरे जाने की फिकर मानो क़ैद सा कर लिया तुझे इस दुनिया में किधर अब तू आना चाह रही है , बस एक यही कसमकस है जो सपनों में तब उतरती थी , वो दिल में अब भी उतरेगी जो ख्वाबों में चहकती थी , वो बागों में भी महकेंगी #hala #khawabokiduniya #khayal #nojoto #hindi