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बद्दुआ निकल भी जाए तो पछतावा होता है , एक आध इंसान

बद्दुआ निकल भी जाए तो पछतावा होता है ,
एक आध इंसान दुनिया में आज भी ऐसा  होता है ,
जिसकी कश्ती को ये जनता पार लगाती है , 
वहीं नेता मंझधार में हमारा सफ़ीना डूबोता है , 
कहाँ दिमाग़ को सूझती है वाहियात की बातें , 
पूछना किसी भूखे से क्या रोटी का मजहब होता है..? 
संसार में देश तो बहुत हैं.... 
फिर मेरे देश में क्यूँ  सबसे ज्यादा भिखारी व 
क्राईम होता है....? 
रोजगार तो हैं नहीं देश का हर दूसरा - तीसरा 
नौजवान डिप्रेशन का शिकार होता है , 
धर्म के नाम पर आप जहर बोते हैं , 
यही तो आपका राजनीतिक stunt होता हैं , 
उन विलासी राजाओं की कहानी दोहराते हो, 
खुद को कैसे फिर समझदार बताते हो...? 
अजी छोडिए... 🙏 बहुत हुआ देश का पतन होता है, 
 देश का आधा भविष्य तो सड़कों पर भूखा रोता है  ,

©Geeta Sharma
  ## क्या कभी दंगों में नेताओं के बच्चे मरते हैं? 
नहीं ये सिर्फ हमारी मूर्खता का फायदा उठाते हैं , 
इनके बच्चे विदेशों में ऐश करते हैं।
geetasharma2188

Geeta Sharma

Silver Star
New Creator

## क्या कभी दंगों में नेताओं के बच्चे मरते हैं? नहीं ये सिर्फ हमारी मूर्खता का फायदा उठाते हैं , इनके बच्चे विदेशों में ऐश करते हैं।

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