अश्क़ सारे आंखों से मिटा दे, है क्या कोई जो बिछड़े मिला दे? नैना बेताब है मिलने को है क्या कोई जो ख़्वाब दिखा दे । है क्या कोई जो बिछड़े मिला दे? मैं हर शाम करूं इंतज़ार , के तुझ पे ऐतबार इतना है, शामिल है तू मेरी रूह में, तू बता मुझ में मेरा कितना है? खो रहा हूँ खुद को आहिस्ता आहिस्ता, है क्या कोई जो मुझे मुझ से मिला दे, है क्या कोई जो बिछड़े मिला दे? #yqbaba #yqdidi #ohhpoetry