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दो पंक्तिकयों की ये जिंदगानी । जब तक है तब तक है फ

दो पंक्तिकयों की ये जिंदगानी ।
जब तक है तब तक है फिर बाद में बन जाएगी सिर्फ एक कहानी ।
तब होगी ज़िन्दगानी तुम्हारी पर होगी किसी और कि जुबानी।
सुनकर बहुतों के आंखों में आएंगे पानी ,कोई कहेंगे कुछ कोई कहेंगे कुछ।
मगर क्या तुम कह पाओगे कुछ ??
जो हुआ सो हुआ आज का देखो कल का छोड़ो ,
तुम अपने कल में आज को मत खोओ ।
क्योंकि कहानी में तुम्हारा कल तो होगा पर आज नहीं।
क्यों कहा न मैंने सही??
So Live your Present by remembering your past for your wishing future!! Aise hi
दो पंक्तिकयों की ये जिंदगानी ।
जब तक है तब तक है फिर बाद में बन जाएगी सिर्फ एक कहानी ।
तब होगी ज़िन्दगानी तुम्हारी पर होगी किसी और कि जुबानी।
सुनकर बहुतों के आंखों में आएंगे पानी ,कोई कहेंगे कुछ कोई कहेंगे कुछ।
मगर क्या तुम कह पाओगे कुछ ??
जो हुआ सो हुआ आज का देखो कल का छोड़ो ,
तुम अपने कल में आज को मत खोओ ।
क्योंकि कहानी में तुम्हारा कल तो होगा पर आज नहीं।
क्यों कहा न मैंने सही??
So Live your Present by remembering your past for your wishing future!! Aise hi

Aise hi