एक नारी कितने किरदार निभा जाती है बिटियां बनकर घर को चहकाती है बहू बन लक्ष्मी घर की कहलाती है शुभ आगमन हो तो बढ़ियां है सब पर कुछ गलती मे वो ही कोसी जाती है पल - पल उसके किरदार बदलते हैं इन किरदारों में वो खुद खो जाती है मां है वो देवी का रूप हर किरदार में वो अमर कहाती है सम्मान भी है और नहीं भी है उसका क्योंकि कहीं भजनों में तो कहीं गाली में वो बोली जाती है एक नारी कितने किरदार निभा जाती है 🤔 ©kavi abhiraj ek naari kitne kirdar nibha jaati h🤔 #Woman