हमे ये ज़िद है कि तेरे सिवा कोई उल्फ़त ना मिले अब किसी भी शख़्स से मेरी तबीयत ना मिले रोते हुये दुआ करता हूँ कुरान पढ़ने से पहले अब ऐ खुदा किसी सूरह मे मुझे सब्र की आयत ना मिले ~अब्दुल हादी हमे ये ज़िद है कि तेरे सिवा कोई उल्फ़त ना मिले अब किसी भी शख़्स से मेरी तबीयत ना मिले रोते हुये दुआ करता हूँ कुरान पढ़ने से पहले अब ऐ खुदा किसी सूरह मे मुझे सब्र की आयत ना मिले ~अब्दुल हादी(عبدالہادی)