Nojoto: Largest Storytelling Platform

*वादियां बुला रही* सावन भी बरस चुका है जहाँ कुद

*वादियां बुला रही* 
सावन भी बरस चुका है जहाँ  
कुदरत भी अपना रंग दिखा रही 
आकर देखो खूबसूरत समां 
धरती की वादियां बुला रही ।। 1
ओढकर चादर वो हरियाली 
लग रही दुल्हन सी मतवाली 
देखो ये कितनी है इतरा रही 
आओ फिजाये हैं बुला रही।।2 
है चांद भी इसे सजाता रहा 
तारों की चुनर है ओढाता रहा 
बादलों की बारात है अब जा रही 
देखो तुम्हे ये वादियां बुला रही ।।3 
महक उठे है बागो बगीचे यहाँ 
झूम उठे हैं पेड़ और लताएँ जहां 
फूलों की खुश्बू हवा ला रही 
देखो ये है वादियां बुला रही।। 4 
भँवरे भी कर रहे हैं गुन गुन  
तितलियाँ भी यहाँ मंडरा रही 
पंछियो की कतारें भर रही उड़ानें 
कोयल की कूक तुम्हें बुला रही ।।5
      अभय चौरे हरदा मप्र

©ABHAY Chaurey Harda M P
  *वादियां बुला रही* 
सावन भी बरस चुका है जहाँ  
कुदरत भी अपना रंग दिखा रही 
आकर देखो खूबसूरत समां 
धरती की वादियां बुला रही ।। 1
ओढकर चादर वो हरियाली 
लग रही दुल्हन सी मतवाली 
देखो ये कितनी है इतरा रही

*वादियां बुला रही* सावन भी बरस चुका है जहाँ कुदरत भी अपना रंग दिखा रही आकर देखो खूबसूरत समां धरती की वादियां बुला रही ।। 1 ओढकर चादर वो हरियाली लग रही दुल्हन सी मतवाली देखो ये कितनी है इतरा रही #कविता

84 Views