परेशान मैं पहले से बहुत परेशां हूं , ख्वाबों में आ आकर, और मुझे परेशां न करो। तुझे भूला दिया मैंने यादों में आ आकर, आंखों को अश्कों से न भरो। तुम्हारे वैगेर जीना सीख लिया है अब झुठी आस दिलाकर मुझे गुमराह न करो। मुझे परेशान न करो