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मौसम कितना भी प्रतिकूल हो, सैनिक सरहद पर डट कर खड़

मौसम कितना भी प्रतिकूल हो, सैनिक सरहद पर डट कर खड़े रहते हैं,
भूल जाते हैं गर्मी और सर्दी, देशभक्ति का जज्बा दिल में भरे रहते हैं।

हौसलों को डिगा नहीं सकता, दुश्मन का कोई भी वार और चालाकी,
सर पर कफन बांध कर, जान हथेली पर लिए, लड़ने को तैयार रहते हैं। #Contest_24  (Hindi/उर्दू)

   💌प्रिय लेखक एवं लेखिकाओं,
‌ कृपया अपने अद्भुत विचारों को कलमबद्ध कर अपनी लेखनी से चार चांँद लगा दें।

🎀 उपर्युक्त विषय को अपनी रचना में अवश्य सम्मिलित करें

🎀 2 या 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें,
मौसम कितना भी प्रतिकूल हो, सैनिक सरहद पर डट कर खड़े रहते हैं,
भूल जाते हैं गर्मी और सर्दी, देशभक्ति का जज्बा दिल में भरे रहते हैं।

हौसलों को डिगा नहीं सकता, दुश्मन का कोई भी वार और चालाकी,
सर पर कफन बांध कर, जान हथेली पर लिए, लड़ने को तैयार रहते हैं। #Contest_24  (Hindi/उर्दू)

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