सूफियाना मिजाज़ तो है मेरा.. जज़्बातो को ऐसे ही समझ लेती हु मगर.. इन जज़्बातो ने ही मेरा.. जान ले लिए है.. अब जिन्दा हु मगर अंदर से मर चुकी हु. जीवन के हार राह पे.. सिर्फ कांटा ही कांटे पाया है मैंने.. अब इन काँटों का चुबन में भी.. अपनी सुकून ढूंढ लेती हु. अंदाज़। #YourQuoteAndMine Collaborating with Avinash Tiwari