हमेशा साथ चलती है नज्में जेसे मेरी पर्शायी हो.... फिर एकाएक कहीं खो जाती है मेरी ही तरहा मेरी नज्में और मेरी पर्शायी.... और मैं सोचता हूँ के तुम आओगी इस अँधेरे को मिटाने हाथ मैं मशाल लिए और फिर तुम अपने ठन्डे एहसासों से बुझा देती हो इसे... और मैं अपनी गरम साँसों से इसे फिरसे रोशन करता हूँ । #nojoto #poetry #love