अकेले हम ही शामिल नही इस ज़ुर्म में नज़रे जब मिली मुस्कुराए तुम भी थे. गाई हमने थी जब भी गज़लें... थोड़ा सा ही पर गुनगुनाये तुम भी थे! नज़रे जब मिली मुस्कुराए तुम भी थे.