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"मैं इक चमन हो जाऊं, तुम अब्सार हो जाओ, मैं लकीर ह

"मैं इक चमन हो जाऊं, तुम अब्सार हो जाओ,
मैं लकीर हाथ की हो जाऊं, तुम इख़्तियार हो जाओ।
कुछ इस तरह हो जाएं, हमतुम प्यार का नगमा,
मैं मिज़राब हो जाऊं, तुम सितार हो जाओ। गीत, ग़ज़ल, कविताएं और कहानियां
"मैं इक चमन हो जाऊं, तुम अब्सार हो जाओ,
मैं लकीर हाथ की हो जाऊं, तुम इख़्तियार हो जाओ।
कुछ इस तरह हो जाएं, हमतुम प्यार का नगमा,
मैं मिज़राब हो जाऊं, तुम सितार हो जाओ। गीत, ग़ज़ल, कविताएं और कहानियां
vishalgupta1958

vishal gupta

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गीत, ग़ज़ल, कविताएं और कहानियां #Poetry