Logic Kaha Hai इस देश में जहां रोज़ी रोटी के लाले पड़ गए। बहुत से कमाई के साधन बंद पड़ गए। यहां रोज़ मर्रा की जरूरतें पूरी नहीं होती.. एक दिन की कमाई ७ दिन नहीं चलती.. साहब, जो लोग फटी जेब में उम्मीदें लिए जी रहे है, क्या ऐसे लोग सिर्फ कोरोना से ही मर रहे है...? ©Sandeep Manohar Kothar Please Comment and Re-post दोस्तों, इस देश में जहां रोज़ी रोटी के लाले पड़ गए। बहुत से कमाई के साधन बंद पड़ गए। यहां रोज़ मर्रा की जरूरतें पूरी नहीं होती.. एक दिन की कमाई ७ दिन नहीं चलती.. साहब, जो लोग फटी जेब में उम्मीदें लिए जी रहे है,