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हर बार ये संध्या की लाली शयामल रैन के कंधे पर सि

हर बार ये संध्या की लाली 
शयामल रैन के कंधे पर 
सिर रख कर, विलीन हो कर
उसमे समा जाती हैं,
तब तब मानों प्रमाणित करती हो
कि राधे और कृष्ण दो भिन्न नहीं 
मगर है दो भिन्न रूप,
एक ही गगन के! हर बार ये संध्या की लाली 
शयामल रैन के कंधे पर 
सिर रख कर, विलीन हो कर
उसमे समा जाती हैं,
तब तब मानों प्रमाणित करती हो
कि राधे और कृष्ण दो भिन्न नहीं 
मगर है दो भिन्न रूप,
एक ही गगन के!
हर बार ये संध्या की लाली 
शयामल रैन के कंधे पर 
सिर रख कर, विलीन हो कर
उसमे समा जाती हैं,
तब तब मानों प्रमाणित करती हो
कि राधे और कृष्ण दो भिन्न नहीं 
मगर है दो भिन्न रूप,
एक ही गगन के! हर बार ये संध्या की लाली 
शयामल रैन के कंधे पर 
सिर रख कर, विलीन हो कर
उसमे समा जाती हैं,
तब तब मानों प्रमाणित करती हो
कि राधे और कृष्ण दो भिन्न नहीं 
मगर है दो भिन्न रूप,
एक ही गगन के!
amargupta4255

amar gupta

New Creator

हर बार ये संध्या की लाली शयामल रैन के कंधे पर सिर रख कर, विलीन हो कर उसमे समा जाती हैं, तब तब मानों प्रमाणित करती हो कि राधे और कृष्ण दो भिन्न नहीं मगर है दो भिन्न रूप, एक ही गगन के! #Sky #yqbaba #yqdidi #bestyqhindiquotes #राधे_कृष्णा #कृष्णा_राधा