उस अँधेरे के सन्नाटे में कोई पीछा कर रहा था। हज़ार रातों पे भरी ये रात हो जाए ये लब हिले न हिले और बात हो जाए हलचल है अरमानों मैं मस्ती है तूफानों मैं भीगी-भीगी रात मैं प्यार हमें भी हो जाये...