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कृष्ण छटा श्यामल तन संग श्याम सलोने किलकय कान्ह अ

कृष्ण छटा

श्यामल तन संग श्याम सलोने
किलकय कान्ह अंगन के कोने।

कानन कुण्डल, कटि करधन डारी
सकल प्रेम नंद यशोमति वारी।

नंद का लल्ला, बड़ा खिझावे,
मटक मटक मोहन, मोहि रिझावे।

ज्यों नीर भरण यमुना तट जाऊं,
बीच राह श्याम संग ऊधौ पाऊं।

कंकड़ मार, सखी गगरी तोड़े,
चुरावै माखन, मोरी मटकी फोड़े।

यशोमती ज्यों क्रोधित हो आवे,
बांध ओखली कान्ह को डरावे।

मैया अब ना शरारत करूं कोई,
खोलो बंधन पीर सही ना जावे।

वर्तिका

©Preeti Vishwakarma Vartika कृष्ण छटा

श्यामल तन संग श्याम सलोने
किलकय कान्ह अंगन के कोने।

कानन कुण्डल, कटि करधन डारी
सकल प्रेम नंद यशोमति वारी।
कृष्ण छटा

श्यामल तन संग श्याम सलोने
किलकय कान्ह अंगन के कोने।

कानन कुण्डल, कटि करधन डारी
सकल प्रेम नंद यशोमति वारी।

नंद का लल्ला, बड़ा खिझावे,
मटक मटक मोहन, मोहि रिझावे।

ज्यों नीर भरण यमुना तट जाऊं,
बीच राह श्याम संग ऊधौ पाऊं।

कंकड़ मार, सखी गगरी तोड़े,
चुरावै माखन, मोरी मटकी फोड़े।

यशोमती ज्यों क्रोधित हो आवे,
बांध ओखली कान्ह को डरावे।

मैया अब ना शरारत करूं कोई,
खोलो बंधन पीर सही ना जावे।

वर्तिका

©Preeti Vishwakarma Vartika कृष्ण छटा

श्यामल तन संग श्याम सलोने
किलकय कान्ह अंगन के कोने।

कानन कुण्डल, कटि करधन डारी
सकल प्रेम नंद यशोमति वारी।