क्या लिखूं ऐ जिंदगी तेरे लिए तू शब्द की वो रेखा है हाथ की लकीरों में कहा लिखा होता है कुछ किस्मतो का सब लेखा है ये ख्वाब भी टूटते है, वक़्त के साथ अपनों को भी, छूटते देखा है बदल दिया मैंने खुद को जिनके लिए उनको बदलते भी हमने देखा है। ©Harsh gupta #लाइफलाइन #lifeline #Twowords