नहीं मानते फिर भी लोग देखोना., क्यु उठाना पड़े डन्डे सोचोना,, अपने ही देश के दुश्मन क्यु बने हैं लोग कहो ना,, कैसे जीतेंगे जंग-ए-Corona,, अब तो घर बैठे बैठे आ रहा है रोना,, क्युकी....... ना बाज़ारों में बहार है, ना गुलशन, गुलजार है,, ना बच्चे खेल सकते हैं,, ना बुजुर्ग घूम सकते हैं,, मंदिर, गुरुद्वारे पर कैसी लटकी. ये जंजीरें कमाल है,, भक्त तरसे मिलने भगवान् को, दिलों में बस मलाल है,, कितना कुछ सह रहे Corona warriors,, फ़िर भी क्यु लोगों की मानसिकता बीमार है,, कीजिए पालन lock down का, क्युकी बहार कर रही इन्तजार है,, फ़िर से मिलेंगे, बिछुड़े है तो क्या, इस न मिलने मे भी अपना ही ख़ुमार है,, परिवार, मित्रों से जुड़ पाय है अब हम, मानवीय एकता तो महान है,, चलो करे संकल्पित मन और तन, जीत जायेगे फिर ये जंग,, खिल खिला उठेंगे, फिर से हम,, चलो करे संकल्पित मन और तन,, 🙏🏻🙏🏻💦 #जंग ए Corona