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#OpenPoetry

#OpenPoetry                                                              बाल शोषण
_________________________________________________________________________
बाल शोषण एक अपराध है ऐसा जो कोमल बच्चे की और ममता जगाएगा,
कोई कैसे करें निर्दयता का व्यवहार उनसे यह सोच कर कैसे ना गुस्सा आएगा।
इंसानियत को भी इस तथ्य पर स्वयं शर्म आ जाएगी, जब भी रियान स्कूल की घटना चर्चा में लाई जाएगी।
वह मासूम भी मदद के लिए चिल्लाया होगा, 
जब जालिमों ने मारते समय को इतना तड़पाया होगा।
वह मां अवश्य सदमे में आई होगी 
जब किसी ने उसकी मौत की खबर उसे सुनाई होगी जब शिक्षा‌ स्थल पर हो ऐसी घिनौनी हरकतें,
 फिर कैसे उम्मीद करें कहीं और ना ऐसी हरकतें।
हरियाणा के बाल ग्रह से बच्चियों के शोषण का मामला सामने आया है, 
हाल ही में छत्तीसगढ़ में भी यही कहर बच्चों पर ढाया है।
कोई किसी का नहीं रहा ये कलयुग का दौर है ,
संत महापुरुष कोई नहीं यहां हर एक ही दिल में चोर है।
केंद्र और राज्य  सरकार है इस लापरवाही का कारण, जो देश के बच्चे हो रहे असुरक्षित अकारण।
बच्चों को यह जरूर सिखाएं ना का मतलब ना है कोई शरीर को छूने ना पाए ,
यदि कोई निर्दयता का व्यवहार दिखाए डरे नहीं मदद के लिए जरूर चिल्लाएं।
बच्चों को ऐसे विषय पढ़ाएं ,
उनसे संबंधित समस्या से उनकी भाषा में अवगत कराएं।
अब तो बाल शोषण के खिलाफ कुछ कर दिखाएं, बच्चों को खेल-खेल में गुड टच और बैड टच में फर्क  बताएं।
बाल शोषण के खिलाफ सरकार ने एक नियम बनाया, 376 और 354 की धारा का क्यों किसी को पता चलने ना पाया।
इस तथ्य पर और क्या कहूं मन मेरा भर आया है,
 बस इस कविता के माध्यम से हर सोए व्यक्ति को जगाना चाहा है✍️ #OpenPoetry #  feelings#बाल शोषण
#OpenPoetry                                                              बाल शोषण
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बाल शोषण एक अपराध है ऐसा जो कोमल बच्चे की और ममता जगाएगा,
कोई कैसे करें निर्दयता का व्यवहार उनसे यह सोच कर कैसे ना गुस्सा आएगा।
इंसानियत को भी इस तथ्य पर स्वयं शर्म आ जाएगी, जब भी रियान स्कूल की घटना चर्चा में लाई जाएगी।
वह मासूम भी मदद के लिए चिल्लाया होगा, 
जब जालिमों ने मारते समय को इतना तड़पाया होगा।
वह मां अवश्य सदमे में आई होगी 
जब किसी ने उसकी मौत की खबर उसे सुनाई होगी जब शिक्षा‌ स्थल पर हो ऐसी घिनौनी हरकतें,
 फिर कैसे उम्मीद करें कहीं और ना ऐसी हरकतें।
हरियाणा के बाल ग्रह से बच्चियों के शोषण का मामला सामने आया है, 
हाल ही में छत्तीसगढ़ में भी यही कहर बच्चों पर ढाया है।
कोई किसी का नहीं रहा ये कलयुग का दौर है ,
संत महापुरुष कोई नहीं यहां हर एक ही दिल में चोर है।
केंद्र और राज्य  सरकार है इस लापरवाही का कारण, जो देश के बच्चे हो रहे असुरक्षित अकारण।
बच्चों को यह जरूर सिखाएं ना का मतलब ना है कोई शरीर को छूने ना पाए ,
यदि कोई निर्दयता का व्यवहार दिखाए डरे नहीं मदद के लिए जरूर चिल्लाएं।
बच्चों को ऐसे विषय पढ़ाएं ,
उनसे संबंधित समस्या से उनकी भाषा में अवगत कराएं।
अब तो बाल शोषण के खिलाफ कुछ कर दिखाएं, बच्चों को खेल-खेल में गुड टच और बैड टच में फर्क  बताएं।
बाल शोषण के खिलाफ सरकार ने एक नियम बनाया, 376 और 354 की धारा का क्यों किसी को पता चलने ना पाया।
इस तथ्य पर और क्या कहूं मन मेरा भर आया है,
 बस इस कविता के माध्यम से हर सोए व्यक्ति को जगाना चाहा है✍️ #OpenPoetry #  feelings#बाल शोषण
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