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साँसे चल रही हे मगर महसूस अब होती नही है ... धड़क

साँसे चल रही हे मगर महसूस 
अब होती नही है ...
धड़कने कानो तक सुन जाऐ 
इनमे वो असर अब नही है ...
आँखे भी बेहाल हो गई है अब 
तेरे इँतज़ार मे 
केसे पढूँ चेहरा किसी का वो पारखी 
नज़र अब नही है ....
by ❤ mahi
 #ThrowbackThursday
साँसे चल रही हे मगर महसूस 
अब होती नही है ...
धड़कने कानो तक सुन जाऐ 
इनमे वो असर अब नही है ...
आँखे भी बेहाल हो गई है अब 
तेरे इँतज़ार मे 
केसे पढूँ चेहरा किसी का वो पारखी 
नज़र अब नही है ....
by ❤ mahi
 #ThrowbackThursday