White हर किसी को हर बार मेरा ख्याल आया हर बार उसने मेरी दुखती नब्ज को दबाया एक बार फिर तूने मेरे सब्र को आज़माया सुलझे हुए जज्बातों को एक बार फ़िर उलझाया कहूँ क्या मैं गैरों से शिकायतें ,यहां तो मेरे अपनों ने ही मुझे मेरे किरदार को , एक बार फ़िर मेरा किरदार याद दिलाया बड़ी उलझी हुई सी तक़दीर थी मेरी,लोगों की शिकायते होती हैं , अपने अच्छे या बुरे मंज़र से, मैंने तो शिकायतों को ही अपना यार बनाया है दौर ऐसा भी आया कि एक दिन वो रिश्ता भी बिखर गया जज़्बातों के इस समुन्दर में एक बार फिर अल्फाजों का तख्ता जम गया खैर तेरी इनायत पर ना है मुझे कोई शक, मेरे हर एक किरदार का पैगाम है तू , आज फिर एक बार एक और पैग़ाम लाया है। @hymn 24.02.25 ©Hymn #Tulips