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महलो का छप्पन् भोग मिले, या उत्तम भाग्य का योग मिल

महलो का छप्पन् भोग मिले,
या उत्तम भाग्य का योग मिले।
वनवास मिले तब काँटों पर  चलना ही होगा,
युद्ध समक्ष हो , तब मन से लड़ना ही होगा।

अँधेरे मे रेंग  रहे हो सहस्र नाग,
चाहे फैले नरको की आग,
बन परशुराम तपना ही होगा,
विषधर नागों के फन को कुचलना ही होगा।


 #युद्ध
महलो का छप्पन् भोग मिले,
या उत्तम भाग्य का योग मिले।
वनवास मिले तब काँटों पर  चलना ही होगा,
युद्ध समक्ष हो , तब मन से लड़ना ही होगा।

अँधेरे मे रेंग  रहे हो सहस्र नाग,
चाहे फैले नरको की आग,
बन परशुराम तपना ही होगा,
विषधर नागों के फन को कुचलना ही होगा।


 #युद्ध